वाराणसी। सुंदरपुर ब्रिज एंक्लेव कॉलोनी में मंगलवार देर रात लगी भीषण आग से इलाके में हड़कंप मच गया। यह आग लाइफ लाइन हॉस्पिटल के पीछे, डॉ. एस. गिरी के मकान के बगल में स्थित प्रदीप कुमार पुत्र रामचंद्र की कबाड़ की दुकान में लगी थी। लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही मिनटों में पूरे गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया।
सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और करीब तीन घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया गया। तब तक दुकान में रखी प्लास्टिक, रबर, टायर और अन्य कबाड़ सामग्री जलकर राख हो चुकी थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब 11 बजे अचानक गोदाम से धुआं उठता देख लोगों ने शोर मचाया और तुरंत पुलिस व दमकल विभाग को सूचना दी। मौके पर लंका थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां पहुंचीं। आग पर काबू पाने में कठिनाई हुई क्योंकि प्लास्टिक और टायर जैसी सामग्री से उठने वाला धुआं और लपटें लगातार बढ़ रही थीं।
दमकल कर्मियों ने आसपास के घरों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, जिससे किसी की जान को नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि दीपावली के बाद गोदाम में पुराने दीपावली सामान, प्लास्टिक और रबर का काफी स्टॉक जमा था, जिससे आग तेजी से फैल गई।
फायर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आग लगने के सटीक कारणों का पता अभी नहीं चल सका है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर नुकसान का आंकलन शुरू कर दिया है।
फायर अधिकारी ने बताया कि अगर आग पर समय रहते नियंत्रण नहीं पाया जाता, तो लपटें पास के घरों और अस्पताल तक पहुंच सकती थीं। सौभाग्य से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बने कबाड़ गोदामों की नियमित जांच की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
