वाराणसी(काशीवार्ता): महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 46वें दीक्षांत समारोह का आयोजन 25 सितंबर को हुआ, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की। समारोह के मुख्य अतिथि पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के सीएमडी आर के त्यागी रहे, जबकि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।
समारोह की शुरुआत शैक्षिक शिष्ट यात्रा से हुई, जिसके बाद राष्ट्रगान और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, राष्ट्र रत्न शिव प्रसाद गुप्त, और भारत रत्न आचार्य भगवान दास के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया। इस दौरान छात्राओं ने मंगलाचरण और कुलगीत प्रस्तुत किए।
राज्यपाल का संबोधन: शिक्षा और प्रौद्योगिकी का महत्व
अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और 103 वर्ष पुरानी संस्था में उपस्थित होने को गौरव का क्षण बताया। उन्होंने सभी पदक और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि छात्राएं शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, इस वर्ष भी गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या अधिक है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के सार्थक उपयोग और कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया, साथ ही कहा कि अगले पांच वर्षों में देश के एक करोड़ विद्यार्थियों को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा।
मुख्य अतिथि का संदेश: शिक्षा से राष्ट्र का उत्थान
मुख्य अतिथि आर के त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि काशी बुद्ध के समय से शिक्षा का केंद्र रही है। उन्होंने शिक्षा को सबसे शक्तिशाली हथियार बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि सफलता का मतलब केवल धन प्राप्त करना नहीं है, बल्कि समाज को दिए गए योगदान से ही वास्तविक संतुष्टि प्राप्त होती है।
उच्च शिक्षा मंत्री का उद्बोधन: भारत की विश्व में बढ़ती छवि
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने भी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए काशी की शिक्षा परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और अब देश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का आधार बताया और शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा वह होनी चाहिए जो राष्ट्र निर्माण को प्रेरित करे।
विशिष्ट अतिथि का संबोधन: चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने विद्यार्थियों से अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने और चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि ज्ञान ही शक्ति है और इसके बल पर ही राष्ट्र की उन्नति संभव है।
समारोह की अन्य प्रमुख बातें
समारोह में कुल 97,252 डिग्रियां और उपाधियां वितरित की गईं, जिनमें स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। गोल्ड मेडल पाने वाले 18 विद्यार्थियों में से 7 स्नातक, 9 स्नातकोत्तर, और 2 उत्कृष्ट खिलाड़ी थे। इसके अलावा, राज्यपाल द्वारा सोनभद्र की 10 विशिष्ट आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को भी सम्मानित किया गया।
समारोह के अंत में, “गांधी, अंबेडकर और दीनदयाल” पर आधारित पुस्तक और स्मारिका का विमोचन किया गया।