फर्जी कॉल सेंटर चला कर ठगी करने वाले 29 धराए,अंग्रेजी बोलने वाले युवाओ को करते थे नियुक्त

गुजरात , नागालैंड , शिलांग , महाराष्ट्र समेत कई प्रदेशों के युवा गिरफ्तार

अमेजन कस्टमर केयर सेंटर के नाम पर चलता था

वाराणसी -(काशीवार्ता)- रोहनिया में फर्जी | कॉल सेंटर के संचालन का भांडाफोड़ हुआ। एडीसीपी नीतू और थाना प्रभारी निरीक्षक राजू सिंह ने छापेमारी कर ठगी के बड़े नेटवर्क को उजागर किया। कॉल सेंटर में काम कर रहे 29 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। मामले का खुलासा गुरुवार को डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार ने किया। पुलिस को बड़ी संख्या में लैपटाप-डेस्कटाप, 24 मोबाइल बरामद हुए। बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों के साक्ष्यों से छेड़छाड़ न हो जाए, इसके लिए साइबर सेल और फोरेंसिक टीम को बुलाकर साक्ष्य संकलन कराया गया। पुलिस पूछताछ में अभियुक्त कौशलेंद्र तिवारी (कॉल सेंटर संचालक) व अन्य ने बताया कि एक बाहरी कम्पनी से कालिंग पोर्टल खरीद लिया जाता है। जिसपर लॉगिन करने के पश्चात हमें विदेशी नागरिकों के मोबाइल नं. प्राप्त होते हैं। पुनः उसी पोर्टल के माध्यम से हम लोग उन्हीं विदेशी नागरिकों के मोबाइल नम्बरों पर आईवीआर काल जनरेट करते हैं, जो कि अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि प्लेटफार्म पर की गयी परचेजिंग व उसके डिलेवरी के कन्फर्मेशन से सम्बन्धित होती है। चूंकि यह आईवीआर कॉल फर्जी होती है इसलिये विदेशी नागरिक इन प्रोडक्ट को लेने से पहले इनकार कर देते हैं। फिर हमारे ऑफिस में बैठे डायलर इनसे फोन पर वाती कर तमाम प्रकार का झांसा जैसे पार्सल में ड्रग्स, चाइल्ड पोर्नाग्राफी कंटेंट आदि दिया जाता है तब जा कर यह लोग हम लोगों के झांसे में आ जाते हैं। फिर डायलर द्वारा यह काल हमारे ऑफिस में बैठे एक अन्य व्यक्ति को मेघायल समेत अन्य प्रदेशों के युवक यहां करते थे साइबर ठगी का काम नगालैंड, शिलांग, गुजरात ट्रांसफर कर दिया जाता है और उसके द्वारा इन विदेशी नागरिकों के बैंक से संबंधित सज़ी एकाउंट आदि की जानकारी ले ली जाती है। पुनः उस व्यक्ति द्वारा यह काल हमारे ही ऑफिस में बैठे तथाकथित लीगल अथॉरिटी/क्लोजर के पास ट्रांसफर की जाती है। इस क्लोजर के द्वारा विदेशी नागरिकों से पुलिस बनकर बात की जाती है एवं तमाम बातों का हवाला देते हुये उनका पैसा बिट कॉइन मशीन व तमाम प्रकार के गिफ्ट कार्ड आदि के माध्यम से पैसों को ले लिया जाता है तथा इन प्राप्त पैसों को विभिन्न प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने पास मंगा लिया जाता है। डायलर को उनको दिये गये लैपटाप में जो स्क्रिप्ट लिखी होती है वह उसी को पढ़कर इन विदेशी नागरिकों से बात करते हैं। हम सज़ी लोग अपनी पहचान छिपाने हेतु फर्जी व कूटरचित आधार कार्ड बना रखा है, जिससे कोई हम लोगों की सही पहचान न कर सके। गिरफ्तार करने वाली टीम में थाना प्रभारी निरीक्षक राजू सिंह, साइबर थाना प्रभारी गोपाल जी कुशवाहा, उपनिरीक्षक धर्मेद्र सिंह राजपूत, उपनिरीक्षक राजकुमार पांडेय, उपनिरीक्षक भरत चौधरी, उपनिरीक्षक नीरज गुप्ता, उपनिरीक्षक दिनेश सिंह, उपनिरीक्षक परवेज, उपनिरीक्षक अमीर बहादुर सिंह, महिला उपनिरीक्षक रागिनी तिवारी, उपनिरीक्षक मानसी चौरसिया, उपनिरीक्षक निरूपमा यादव रही।

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