हरितालिका तीज:पति की लंबी उम्र हेतु महिलाओं ने किया निर्जला व्रत

वाराणसी(काशीवार्ता)।हरितालिका तीज, भारतीय उपमहाद्वीप में विशेष रूप से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है। यह त्योहार खासतौर पर महिलाओं के लिए समर्पित होता है, जो इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव तथा देवी पार्वती की पूजा करती हैं।

हरितालिका तीज का पर्व भाद्रपद मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं द्वारा रखे गए निर्जला व्रत का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक होता है। महिलाएं पूरे दिन उपवासी रहती हैं और भगवान की पूजा में लीन रहती हैं। इस दिन का उद्देश्य पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करना होता है।

पूजा के दौरान महिलाएं विशेष रूप से हरितालिका तीज के व्रत कथा का श्रवण करती हैं, जो देवी पार्वती के शिव जी के प्रति प्रेम और समर्पण की कहानी को दर्शाती है। पूजा में हरितालिका तीज की विशेष पूजा विधि अपनाई जाती है, जिसमें महिलाओं द्वारा सजग और शांतिपूर्ण मन से पूजा की जाती है। इस दिन विशेष प्रकार के व्रत व उपवासी पूजा विधियों का पालन किया जाता है, जिनमें व्रति, कथा, अर्चना और भजन शामिल होते हैं।

हरितालिका तीज का पर्व समाज में महिलाओं के धार्मिक और सामाजिक कर्तव्यों का प्रतीक है और इसे बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व महिलाओं के साहस और समर्पण को भी दर्शाता है, जो पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठानों के प्रति उनकी निष्ठा और विश्वास को प्रकट करता है।

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