लखनऊ, 10 सितंबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है, जिससे मानवता को गंभीर खतरा है। उन्होंने वन और वन्यजीव रक्षकों की अहम भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि अगर नवनियुक्त वन रक्षक ईमानदारी से कार्य करेंगे, तो वे जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने 647 वन रक्षकों/वन्यजीव रक्षकों और 41 अवर अभियंताओं को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहा कि सरकार ने इस बार पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संचालित किया, बिना सिफारिश और भ्रष्टाचार के। उन्होंने यह भी बताया कि नियुक्ति पत्र प्रदान करने में पहले एक साल का समय लग जाता था, लेकिन इस बार नई प्रतिबद्धता के साथ छह महीने के भीतर ही प्रक्रिया पूरी कर ली गई।
मानव-वन्यजीव संघर्ष का समाधान वनाच्छादन से
सीएम योगी ने कहा कि घटते वन क्षेत्र और अनियोजित विकास मानव-वन्यजीव संघर्ष का मुख्य कारण हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार 2028-29 तक 15 प्रतिशत वनाच्छादन बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है। पौधरोपण के साथ ही जनसहभागिता को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी
सीएम योगी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जनसहभागिता के माध्यम से नदियों के प्रदूषण को रोकने और प्रकृति की सुरक्षा के लिए काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नमामि गंगे कार्यक्रम ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उत्तर प्रदेश ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा श्रेणी में रखा
उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा श्रेणी में शामिल किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संघर्ष में जनहानि को रोकने के लिए सोलर फेंसिंग जैसे उपाय किए जा रहे हैं। साथ ही, वन रक्षकों और स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
युवाओं के भविष्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और घूसखोरी चरम पर थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से पारदर्शी हो चुकी है।